अतिथि शिक्षको का शोषण आखिर कब तक
अतिथि शिक्षक को नियमित किया जाए
मध्यप्रदेश की सरकार ने सरकारी स्कूल सुचारू रूप से एवं समय से खुले इसलिए अतिथि शिक्षक प्रणाली प्रारंभ की हैं इस प्रणाली को लगभग 12 से 14 साल हो गया है ! परन्तु अतिथि शिक्षक का कोई भविष्य नहीं हैं, देखा जाये तो अतिथि शिक्षक का वेतन अगर देखा जाये तो एक मजदूर वर्ग से भी कम है मात्र 5000 या 7000 या 9000 हजार रुपये में 1 महीने का मिलता हैं! जरा सोचिए 8km से 10km तक एक अतिथि शिक्षक सेवा देने जाता हैं, उसका रोजाना का खर्च ही 50 से 100 रुपये का खर्च हो जाता है, अब उसके बाद मात्र 100 रुपये बचते उसमें वह अपने परिवार का केसे पालन पोषण करें और अगर बीच में कोई गवर्नमेंट टीचर स्थानांतरण से आ जाये तो अतिथि शिक्षक को घर का रास्ता दिखा देते हैं, वह अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाता है ! यह उसके लिए बहुत बड़ी दुखी खबर होती है अब सबसे बड़ी समस्या ये हैं, की वह मजदूरी करने जाये तो लोग उन्हें बहुत कुछ सुनाते हैं की तुम तो शिक्षक हो तुम्हें मजदूरी करने की क्या आवश्यकता है, जब वह हताश हो जाये तो वह अतिथि शिक्षक गलत रास्ता चुन लेता हैं, और परिवार को छोड़ देता हैं, जिसे उनके बाद उनके घर वालो को फिर दरदर भटकना पड़ता है! अतिथि शिक्षको की मांग सरकार से

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